आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से
धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से
उठे वीर तब लाज बचाने भारत माँ के आँचल की
आज़ादी की आग जलाई अपने खूँ के ईंधन से
मतवालों परवानों के आगे चली नही अंग्रेज़ो की
बेबस दिखते थे जैसे जकड़ गया विषधर गर्दन से
छटा अंधेरा खुशबू फैली थी कली कली मुस्काई
रोम रोम तब सिहर उठा भारत माता के वंदन से
भारत माता की जय ।।
©Piyush Shukla
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से
धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से
उठे वीर तब लाज बचाने भारत माँ के आँचल की
आज़ादी की आग जलाई अपने खूँ के ईंधन से