Piyush Shukla

Piyush Shukla Lives in Greater Noida, Uttar Pradesh, India

लफ़्ज़ों में ज़ख्मों का मरहम ढूंढ रहा हूँ

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Jai shree ram राम अवध में आ रहे, लखन सिय के संग विश्व हुआ है राममय, ओढ़ के भगवा रंग ©Piyush Shukla

#कविता #JaiShreeRam  Jai shree ram राम अवध में आ रहे, लखन सिय के संग
विश्व हुआ है राममय, ओढ़ के भगवा रंग

©Piyush Shukla

#JaiShreeRam

18 Love

जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो ©Piyush Shukla

#कविता #whenIpendown  जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो
घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो
तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में
फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो

©Piyush Shukla

मेरी बेटी जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो ©पीयूष राज

11 Love

आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से उठे वीर तब लाज बचाने भारत माँ के आँचल की आज़ादी की आग जलाई अपने खूँ के ईंधन से मतवालों परवानों के आगे चली नही अंग्रेज़ो की बेबस दिखते थे जैसे जकड़ गया विषधर गर्दन से छटा अंधेरा खुशबू फैली थी कली कली मुस्काई रोम रोम तब सिहर उठा भारत माता के वंदन से भारत माता की जय ।। ©Piyush Shukla

#independenceday2023 #कविता #india🇮🇳 #shaheed  आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से
धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से

उठे वीर तब लाज बचाने भारत माँ के आँचल की
आज़ादी की आग जलाई अपने खूँ के ईंधन से

मतवालों परवानों के आगे चली नही अंग्रेज़ो की
बेबस दिखते थे जैसे जकड़ गया विषधर गर्दन से

छटा अंधेरा खुशबू फैली थी कली कली मुस्काई
रोम रोम तब सिहर उठा भारत माता के वंदन से

भारत माता की जय ।।

©Piyush Shukla

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से उठे वीर तब लाज बचाने भारत माँ के आँचल की आज़ादी की आग जलाई अपने खूँ के ईंधन से

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Geeto Ki Ek Sham

Geeto Ki Ek Sham

Saturday, 26 June | 07:30 pm

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Expired

क्या लिखूँ मैं सोचने की कोशिश में हूँ क्या लिख दूँ सच में सब ख़्याल जो हलचल मचाते हैं क्या लिख दूँ वो सारे जज़्बात जो धड़कन बढ़ाते हैं कुछ रिश्तों के बनने बिगड़ने के किस्से भी तो हैं क्या उन्हें भी लिख दूँ या वो पुराने गड़े मुद्दे जिनका ज़िक्र आया था उस रात उन्हें भी लिख दूँ क्या लिख दूँ वो माफ़ीनामा भी जो मांगा था मैंने जब कि गलती तुम्हारी थी या भूल कर अपने बदन का दर्द तुम्हें पहले सुलाया था सीने पर रख कर सर ©Piyush Shukla

#Pain #Rose  क्या लिखूँ मैं
सोचने की कोशिश में हूँ
क्या लिख दूँ सच में सब ख़्याल
जो हलचल मचाते हैं
क्या लिख दूँ वो सारे जज़्बात
जो धड़कन बढ़ाते हैं
कुछ रिश्तों के बनने बिगड़ने
के किस्से भी तो हैं
क्या उन्हें भी लिख दूँ
या वो पुराने गड़े मुद्दे जिनका ज़िक्र
आया था उस रात उन्हें भी लिख दूँ
क्या लिख दूँ वो माफ़ीनामा भी जो
मांगा था मैंने जब कि गलती तुम्हारी थी
या भूल कर अपने बदन का दर्द
तुम्हें पहले सुलाया था सीने पर रख कर सर

©Piyush Shukla

क्या लिखूँ मैं सोचने की कोशिश में हूँ क्या लिख दूँ सच में सब ख़्याल जो हलचल मचाते हैं क्या लिख दूँ वो सारे जज़्बात जो धड़कन बढ़ाते हैं कुछ रिश्तों के बनने बिगड़ने के किस्से भी तो हैं

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zindagi अनबुझी सी पहेली हुयी ज़िन्दगी धूप है तो कहीं छाँव भी ज़िन्दगी जब कभी भी लगा हार जाएंगे हम जीत के साथ हँसती मिली ज़िन्दगी ©Piyush Shukla

#हारजीत #whenIpendown #lifequotes #जीत #Flower  zindagi  अनबुझी सी पहेली  हुयी  ज़िन्दगी
धूप है तो कहीं  छाँव भी  ज़िन्दगी
जब कभी भी लगा हार जाएंगे हम
जीत के साथ हँसती मिली ज़िन्दगी

©Piyush Shukla

अनबुझी सी पहेली हुयी ज़िन्दगी धूप है तो कहीं छाँव भी ज़िन्दगी जब कभी भी लगा हार जाएंगे हम जीत के साथ हँसती मिली ज़िन्दगी ©पीयूष राज #lifequotes #जीत #हारजीत #whenIpendown #Flower

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