दीवारे कहती हैं दस्ताने कई खुशियों के बीते ज़माने | हिंदी Poetry

"दीवारे कहती हैं दस्ताने कई खुशियों के बीते ज़माने कई था जब ये खुशनुमा आशियाना चारों तरफ था हंसी का तराना रंगों से था जब दीवारें सजाना कभी इनके पीछे वो छुपना छुपाना बैठकर उस पर वो घंटों बिताना दीवारों पे सारे हुनर वो दिखाना कभी कुछ है लिखना कभी फिर मिटाना दीवारे कहती हैं दस्ताने कई खुशियों के बीते ज़माने कई था जब ये खुशनुमा आशियाना चारों तरफ था हंसी का तराना ©Prashant"

 दीवारे कहती हैं 
दस्ताने कई खुशियों के बीते ज़माने कई
था जब ये खुशनुमा आशियाना
चारों तरफ था हंसी का तराना
रंगों से था जब दीवारें सजाना
कभी इनके पीछे वो छुपना छुपाना
बैठकर उस पर वो घंटों बिताना 
दीवारों पे सारे हुनर वो दिखाना
कभी कुछ है लिखना कभी फिर मिटाना 
दीवारे कहती हैं 
दस्ताने कई खुशियों के बीते ज़माने कई
था जब ये खुशनुमा आशियाना
चारों तरफ था हंसी का तराना

©Prashant

दीवारे कहती हैं दस्ताने कई खुशियों के बीते ज़माने कई था जब ये खुशनुमा आशियाना चारों तरफ था हंसी का तराना रंगों से था जब दीवारें सजाना कभी इनके पीछे वो छुपना छुपाना बैठकर उस पर वो घंटों बिताना दीवारों पे सारे हुनर वो दिखाना कभी कुछ है लिखना कभी फिर मिटाना दीवारे कहती हैं दस्ताने कई खुशियों के बीते ज़माने कई था जब ये खुशनुमा आशियाना चारों तरफ था हंसी का तराना ©Prashant

#दीवारें

People who shared love close

More like this

Trending Topic