दीवारें कहती हैं कि... #Diwaarein 
#NojotoWriting
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#such  बदनाम करने के तरीके कितने आसान होते हैं
छुप छुप कर सुनते हैं बाते और
कहते हैं दीवारों के कान होते है

©Sandeep Kumar Gola

#such

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जो बीत गई वो बात कहीं नहीं जाती... रिसती रहती है उम्र की दीवारों पर यादों की रेत की तरह... ©डॉ. विनोद मेहरड़ा

#विचार #यादें  जो बीत गई वो बात कहीं नहीं जाती... रिसती रहती है उम्र की दीवारों पर यादों की रेत की तरह...

©डॉ. विनोद मेहरड़ा

नफरत बीमारी से हो जाती हैं कमजोर दरारें डराती हैं और अस्तित्व खात्मे की ओर ©Balwant Mehta

#मनोगतपंक्तियां #दीवारें #कविता #qotes  नफरत बीमारी से
हो जाती हैं कमजोर
दरारें डराती हैं और
अस्तित्व खात्मे की ओर

©Balwant Mehta

Diware Kehti Hai Ki.... thoda dheere kaho, hum sab sun rahe hai. ©Kridha

#Quotes  Diware Kehti Hai Ki.... thoda dheere kaho, hum sab sun rahe hai.

©Kridha

Diware Kehti Hai Ki.... thoda dheere kaho, hum sab sun rahe hai. ©Kridha

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कब आओगे वापस घर आंगन गाँव अपने , कच्ची आंगन की चबूतरी और जामुन का पेड करते हैं सब याद तुम्हे हो गये हो अब बडे शायद, मगर याद मुझे बचपन तुम्हारा, कि खेलें है लुका छिपी के खेल _ तुमने हमारी ही आगोश में! अरुण प्रधान ©Arun pradhan

#शायरी  कब आओगे वापस घर आंगन गाँव अपने , 
कच्ची आंगन की चबूतरी और जामुन का पेड 
करते हैं सब याद तुम्हे
हो गये हो अब बडे शायद, मगर याद मुझे बचपन तुम्हारा, 
कि खेलें है लुका छिपी के खेल _ तुमने हमारी ही आगोश में! 

अरुण प्रधान

©Arun pradhan

कब आओगे वापस घर आंगन गाँव अपने , कच्ची आंगन की चबूतरी और जामुन का पेड करते हैं सब याद तुम्हे हो गये हो अब बडे शायद, मगर याद मुझे बचपन तुम्हारा, कि खेलें है लुका छिपी के खेल _ तुमने हमारी ही आगोश में! अरुण प्रधान ©Arun pradhan

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वह बचपना बत्ती है घर कि दीवारे अपनी वह गुजरे हुए वक्त याद दीलाती हैं घर अपना दुख भी बताती सुख बताती वह बचपना आज भी याद दिलाती हैं दीवारे घर कि ©Shivanand Maddhisya

#कविता  वह बचपना बत्ती है घर कि दीवारे अपनी वह गुजरे हुए वक्त याद दीलाती हैं घर अपना दुख भी बताती सुख बताती वह बचपना आज भी 
याद दिलाती हैं दीवारे घर कि

©Shivanand Maddhisya

वह बचपना बत्ती है घर कि दीवारे अपनी वह गुजरे हुए वक्त याद दीलाती हैं घर अपना दुख भी बताती सुख बताती वह बचपना आज भी याद दिलाती हैं दीवारे घर कि ©Shivanand Maddhisya

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