White कभी_कभी मन में इतने बबंडर उठते हैं कि लगता है कि सब कुछ बिखर ही जायेगा ....
फिर अपने आप को समेट लेता हूँ....
क्यूँ ??
पता नहीं ....
पता नहीं कब_तक इस बोझ तले दबा रहूँगा....??
कभी किसी के बोल अपनेपन का ऐसा एहसास दिला जाते है,,,,,
कि लगता है कि सब कुछ कह डालूँ मन का,फिर चुप रह जाता हूँ....
पता नहीं ...??
काश कि कह पता या लिख पता इस बवंडर को , अपनी ख्वाहिश को तो शायद संभाल लेता हूँ खुद से जो वादे किए है किसी के लिए उनको पूरा कर पाऊंगा ये अहम हिस्सा है बवंडर का ।।
©Andy Mann
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