उनकी सोहबत का अब भी असर बाकी है । अब तो बख्श दो या और कसर बाकी है । गुजरे हसीं पल का कुछ तो लिहाज रख ले, मलाल तो ए है कि मुझमें सबर बाकी है ।।
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