अब वो हमारी महफ़िलों में, न जाने क्यों शामिल नहीं ह | हिंदी Shayari

"अब वो हमारी महफ़िलों में, न जाने क्यों शामिल नहीं होती......... हम अधूरे और वो भी अधूरी, तो फ़िर क्यों कामिल नहीं होती......... ©Poet Maddy"

 अब वो हमारी महफ़िलों में,
न जाने क्यों शामिल नहीं होती.........
हम अधूरे और वो भी अधूरी,
तो फ़िर क्यों कामिल नहीं होती.........

©Poet Maddy

अब वो हमारी महफ़िलों में, न जाने क्यों शामिल नहीं होती......... हम अधूरे और वो भी अधूरी, तो फ़िर क्यों कामिल नहीं होती......... ©Poet Maddy

अब वो हमारी महफ़िलों में,
न जाने क्यों शामिल नहीं होती.........
#GATHERING#join#incomplete#complete.........

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