काश कि तुमने मुझे आवाज दी होती तो हम मौत की नींद स
"काश कि तुमने मुझे आवाज दी होती तो हम मौत की नींद से उठ कर चले आते दुनिया जानती है कि आर्येंद्र दोस्ती करते हैं तो अफ़साने लिखे जाते हैं और दुश्मनी करते हैं तो तारीख बन जाती है पत्रकार आर्येंद्र पाल सिंह"
काश कि तुमने मुझे आवाज दी होती तो हम मौत की नींद से उठ कर चले आते दुनिया जानती है कि आर्येंद्र दोस्ती करते हैं तो अफ़साने लिखे जाते हैं और दुश्मनी करते हैं तो तारीख बन जाती है पत्रकार आर्येंद्र पाल सिंह