लोग कहते है कि भाई ये "पवित्र भारत महाअभियान" क्या | हिंदी Q

"लोग कहते है कि भाई ये "पवित्र भारत महाअभियान" क्या है तो इसका सीधा और सरल सा उत्तर है कि आप जिसे प्रेम करते है या जिनसे आपने खुशी से विवाह रचाया है उसे ईश्वर का वरदान समझकर जीवन भर उनके प्रति पूरी "निष्ठा" रखे अन्य सभी नारी फिर आपके लिये बहन या माता रूप में ही पूज्य होंगी अर्थात अन्यों के प्रति दैहिक आसक्ति न रखकर भाव की शुद्धता होगी बस यही "एकपत्नी व्रत का पालन या सच्चे प्रेम की पवित्रता और मातृशक्ति की वंदना" ही इस संकल्पना का मूल आधार है इससे आप "संयमी गृहस्थ जीवन" का सुख भी पाएंगे और समाज की हर नारी "सुरक्षित" "सशक्त और संतुष्ट" होगी जब "नारी" इतनी बेहतर अवस्था में होगी तो उनकी कोख से जन्म लेनी वाली संताने लड़का और लड़की दोनो ही अच्छी "परवरिश और पोषण" प्राप्त करेंगें दीर्घकाल में यह युवा सशक्तिकरण समाज सशक्तिकरण, राष्ट्र सशक्तिकरण से "विश्व सशक्तिकरण" का आधार स्वतः बनता चला जाएगा और इसकी शुरुआत आप अभी और इसी क्षण एक "समर्पित और सकारात्मक" संकल्प से कर सकते है... ©कृतांत अनन्त नीरज..."

 लोग कहते है कि
भाई ये "पवित्र भारत महाअभियान" क्या है
तो इसका सीधा और सरल सा उत्तर है
कि आप जिसे प्रेम करते है 
या जिनसे आपने खुशी से विवाह रचाया है
उसे ईश्वर का वरदान समझकर जीवन भर उनके प्रति पूरी "निष्ठा" रखे
अन्य सभी नारी फिर आपके लिये बहन या माता रूप में ही पूज्य होंगी
अर्थात अन्यों के प्रति दैहिक आसक्ति न रखकर भाव की शुद्धता होगी 
बस यही "एकपत्नी व्रत का पालन या सच्चे प्रेम की पवित्रता 
और मातृशक्ति की वंदना" ही इस संकल्पना का मूल आधार है
इससे आप "संयमी गृहस्थ जीवन" का सुख भी पाएंगे
और समाज की हर नारी "सुरक्षित" "सशक्त और संतुष्ट" होगी
जब "नारी" इतनी बेहतर अवस्था में होगी
तो उनकी कोख से जन्म लेनी वाली संताने 
लड़का और लड़की दोनो ही अच्छी "परवरिश और पोषण" प्राप्त करेंगें
दीर्घकाल में यह युवा सशक्तिकरण
समाज सशक्तिकरण, राष्ट्र सशक्तिकरण 
से "विश्व सशक्तिकरण" का आधार स्वतः बनता चला जाएगा
और इसकी शुरुआत आप अभी और इसी क्षण 
एक "समर्पित और सकारात्मक" संकल्प से कर सकते है...

©कृतांत    अनन्त नीरज...

लोग कहते है कि भाई ये "पवित्र भारत महाअभियान" क्या है तो इसका सीधा और सरल सा उत्तर है कि आप जिसे प्रेम करते है या जिनसे आपने खुशी से विवाह रचाया है उसे ईश्वर का वरदान समझकर जीवन भर उनके प्रति पूरी "निष्ठा" रखे अन्य सभी नारी फिर आपके लिये बहन या माता रूप में ही पूज्य होंगी अर्थात अन्यों के प्रति दैहिक आसक्ति न रखकर भाव की शुद्धता होगी बस यही "एकपत्नी व्रत का पालन या सच्चे प्रेम की पवित्रता और मातृशक्ति की वंदना" ही इस संकल्पना का मूल आधार है इससे आप "संयमी गृहस्थ जीवन" का सुख भी पाएंगे और समाज की हर नारी "सुरक्षित" "सशक्त और संतुष्ट" होगी जब "नारी" इतनी बेहतर अवस्था में होगी तो उनकी कोख से जन्म लेनी वाली संताने लड़का और लड़की दोनो ही अच्छी "परवरिश और पोषण" प्राप्त करेंगें दीर्घकाल में यह युवा सशक्तिकरण समाज सशक्तिकरण, राष्ट्र सशक्तिकरण से "विश्व सशक्तिकरण" का आधार स्वतः बनता चला जाएगा और इसकी शुरुआत आप अभी और इसी क्षण एक "समर्पित और सकारात्मक" संकल्प से कर सकते है... ©कृतांत अनन्त नीरज...

#sunflower

People who shared love close

More like this

Trending Topic