ख़बर आई हैं, दो सौ लोगो को जलाया गया आज, कहते हैं क

"ख़बर आई हैं, दो सौ लोगो को जलाया गया आज, कहते हैं किसी महामारी ने किया, मैं कहता हूँ हमनेे किया... वो चिंगारी तो हमनेे ही लगाई ना? सदी का सबसे आसान काम मिला है करने को, पर हमें तो निकलना हैं बाहर मरने और मारने को, वो वक़्त नही रहा जहा खुद भगवान उतर आता था मदद को, आज आ भी जाये तो उसपे विश्वास नी करोगे, विज्ञान का आधार लेके उसको कामो को समझाओगे... इसीलिए अपने लोगो को उसने बनाया है, दस साल उसने किसीको किताबों से सिखाया है, तो किसी को जमीन से भूख मिटाने का हुनर बताया है, एक और इंसान नही रहा.. बताओ दफ़नाओगे कि जलाओगे? क्या तुम उसकी बीवी बच्चो को रोज़ खिलाओगे? और बात बात पे मदद के नाम पे खुदको मसीहा कहलाओगे? तरसते थे लोग छुट्टियो के लिए, कहते थे थक गए काम करते करते, पर सच ये नहीं हैं उन्हें घर मे आराम नही चाहिए था, बस भागना था रोज़ मर्रा की एक सी ज़िन्दगी से, आज बन आई है नौकरी पे, अपनी तनखा पे, तो याद आ रहा है... नही ये कुछ लोगो के लिए नही हैं.. हम सब के लिए हैं... हम सब जिम्मेदार हैं... क्यों के हर एक मे कुछ अच्छाई, तो कुछ बुराई है... अरे पैसो के दम वे कितना उड़ोगे? किसी अपने को हो जाएगा तो कैसा करोगे? क्या तब भी अपने पड़ोस में रहने वाले उस डॉक्टर को खदेड़डोगे? अगर है खुदा तो उसे क्या मुँह दिखोगे? क़यामत के दिन क्या उसे भी पैसे खिलाओगे? धर्म जात के नाम पे कितनी दंगे करोगे? एक बार बता ही दो... हिन्दू मुस्लिम कबतक खेलोगे? लो एक और इंसान नही रहा.. बताओ दफ़नाओगे कि जलाओगे?"

 ख़बर आई हैं,
दो सौ लोगो को जलाया गया आज,
कहते हैं किसी महामारी ने किया,
मैं कहता हूँ हमनेे किया...
वो चिंगारी तो हमनेे ही लगाई ना?
सदी का सबसे आसान काम मिला है करने को,
पर हमें तो निकलना हैं बाहर मरने और मारने को,
वो वक़्त नही रहा जहा खुद भगवान उतर आता था मदद को,
आज आ भी जाये तो उसपे विश्वास नी करोगे,
विज्ञान का आधार लेके उसको कामो को समझाओगे...
इसीलिए अपने लोगो को उसने बनाया है,
दस साल उसने किसीको किताबों से सिखाया है,
तो किसी को जमीन से भूख मिटाने का हुनर बताया है,
एक और इंसान नही रहा..
बताओ दफ़नाओगे कि जलाओगे?
क्या तुम उसकी बीवी बच्चो को रोज़ खिलाओगे?
और बात बात पे मदद के नाम पे खुदको मसीहा कहलाओगे?
तरसते थे लोग छुट्टियो के लिए,
कहते थे थक गए काम करते करते,
पर सच ये नहीं हैं उन्हें घर मे आराम नही चाहिए था,
बस भागना था रोज़ मर्रा की एक सी ज़िन्दगी से,
आज बन आई है नौकरी पे,
अपनी तनखा पे,
तो याद आ रहा है...
नही ये कुछ लोगो के लिए नही हैं..
हम सब के लिए हैं...
हम सब जिम्मेदार हैं...
क्यों के हर एक मे कुछ अच्छाई, तो कुछ बुराई है...
अरे पैसो के दम वे कितना उड़ोगे?
किसी अपने को हो जाएगा तो कैसा करोगे?
क्या तब भी अपने पड़ोस में रहने वाले उस डॉक्टर को खदेड़डोगे?
अगर है खुदा तो उसे क्या मुँह दिखोगे?
क़यामत के दिन क्या उसे भी पैसे खिलाओगे?
धर्म जात के नाम पे कितनी दंगे करोगे?
एक बार बता ही दो...
हिन्दू मुस्लिम कबतक खेलोगे?
लो एक और इंसान नही रहा..
बताओ दफ़नाओगे कि जलाओगे?

ख़बर आई हैं, दो सौ लोगो को जलाया गया आज, कहते हैं किसी महामारी ने किया, मैं कहता हूँ हमनेे किया... वो चिंगारी तो हमनेे ही लगाई ना? सदी का सबसे आसान काम मिला है करने को, पर हमें तो निकलना हैं बाहर मरने और मारने को, वो वक़्त नही रहा जहा खुद भगवान उतर आता था मदद को, आज आ भी जाये तो उसपे विश्वास नी करोगे, विज्ञान का आधार लेके उसको कामो को समझाओगे... इसीलिए अपने लोगो को उसने बनाया है, दस साल उसने किसीको किताबों से सिखाया है, तो किसी को जमीन से भूख मिटाने का हुनर बताया है, एक और इंसान नही रहा.. बताओ दफ़नाओगे कि जलाओगे? क्या तुम उसकी बीवी बच्चो को रोज़ खिलाओगे? और बात बात पे मदद के नाम पे खुदको मसीहा कहलाओगे? तरसते थे लोग छुट्टियो के लिए, कहते थे थक गए काम करते करते, पर सच ये नहीं हैं उन्हें घर मे आराम नही चाहिए था, बस भागना था रोज़ मर्रा की एक सी ज़िन्दगी से, आज बन आई है नौकरी पे, अपनी तनखा पे, तो याद आ रहा है... नही ये कुछ लोगो के लिए नही हैं.. हम सब के लिए हैं... हम सब जिम्मेदार हैं... क्यों के हर एक मे कुछ अच्छाई, तो कुछ बुराई है... अरे पैसो के दम वे कितना उड़ोगे? किसी अपने को हो जाएगा तो कैसा करोगे? क्या तब भी अपने पड़ोस में रहने वाले उस डॉक्टर को खदेड़डोगे? अगर है खुदा तो उसे क्या मुँह दिखोगे? क़यामत के दिन क्या उसे भी पैसे खिलाओगे? धर्म जात के नाम पे कितनी दंगे करोगे? एक बार बता ही दो... हिन्दू मुस्लिम कबतक खेलोगे? लो एक और इंसान नही रहा.. बताओ दफ़नाओगे कि जलाओगे?

#stay_home_stay_safe #nojoto #corona #Help #world #pray #God

People who shared love close

More like this

Trending Topic