हर दुआओं में मांगता जिसे मै, वो कोई नहीं मेरी माँ | हिंदी कविता

"हर दुआओं में मांगता जिसे मै, वो कोई नहीं मेरी माँ है। हर दुःखों में दुखी होती जो, वो कोई नहीं मेरी माँ है। भूखी रह के खुद मुझे जो खिलाती, वो कोई नहीं मेरी माँ है। आंसू देख मेरी दुनिया से लड़ जाती, वो कोई नहीं मेरी माँ है। खुश देख मुझे खुशी हो जाती, वो कोई नहीं मेरी माँ है। मेरे हंसने मे साथ मुस्कराती। वो कोई नहीं मेरी माँ है । ©Nokesh Madhukar Aajad"

 हर दुआओं में मांगता जिसे मै, 
वो कोई नहीं मेरी माँ है।
हर दुःखों में दुखी होती जो,
वो कोई नहीं मेरी माँ है।
भूखी रह के खुद मुझे जो खिलाती, 
वो कोई नहीं मेरी माँ है।
आंसू देख मेरी दुनिया से लड़ जाती, 
वो कोई नहीं मेरी माँ है। 
खुश देख मुझे खुशी हो जाती, 
वो कोई नहीं मेरी माँ है।
मेरे हंसने मे साथ मुस्कराती।
वो कोई नहीं मेरी माँ है ।

©Nokesh Madhukar Aajad

हर दुआओं में मांगता जिसे मै, वो कोई नहीं मेरी माँ है। हर दुःखों में दुखी होती जो, वो कोई नहीं मेरी माँ है। भूखी रह के खुद मुझे जो खिलाती, वो कोई नहीं मेरी माँ है। आंसू देख मेरी दुनिया से लड़ जाती, वो कोई नहीं मेरी माँ है। खुश देख मुझे खुशी हो जाती, वो कोई नहीं मेरी माँ है। मेरे हंसने मे साथ मुस्कराती। वो कोई नहीं मेरी माँ है । ©Nokesh Madhukar Aajad

#आजाद #

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