है आरज़ू.... कि तेरे दीद को पढ़ सकूँ मैं किताबी नुस् | हिंदी शायरी

"है आरज़ू.... कि तेरे दीद को पढ़ सकूँ मैं किताबी नुस्खों की आज़माइश का कुछ तो अहम ख़्याल करो! दूँ हिदायत भी खुदको... कि तेरे जाने के बाद, यूँ जाएगा कौन? कुछ तो एहतराम करो!! ©Ak vishwakarma"

 है आरज़ू....
कि तेरे दीद को पढ़ सकूँ मैं
किताबी नुस्खों की आज़माइश का कुछ तो अहम ख़्याल करो!

दूँ हिदायत भी खुदको...
कि तेरे जाने के बाद, यूँ जाएगा कौन?
कुछ तो एहतराम करो!!

©Ak vishwakarma

है आरज़ू.... कि तेरे दीद को पढ़ सकूँ मैं किताबी नुस्खों की आज़माइश का कुछ तो अहम ख़्याल करो! दूँ हिदायत भी खुदको... कि तेरे जाने के बाद, यूँ जाएगा कौन? कुछ तो एहतराम करो!! ©Ak vishwakarma

#kitaab

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