"मन की इस महाभारत में
मै खुदको कर्ण कर बैठा हूॅ
किरदार मेरा सर्वश्रेष्ट रहा
मगर माधव पक्ष मे
गलत चून बेठा हूॅ
कवच कुण्डल विजय धनुष
एक बार म जीत लू ये महाभारत
इतना खुदको प्रबल कर बैठा हूँ
परिनाम जानता हू मै सारे
फिर भी युद्ध कर बैठा हूँ
हार तय है मेरी
ख़ुद से मै ये कहता हूॅ
मन की इस महाभारत मे
मै खुदको कर्ण कर बैठा हू....
Dp.rajawat007
©Dp.rajawat07
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