बारिश में वो बारिशों सा रोया है,
हर बूँद में जैसे उसका ग़म खोया है।
आसमान की सिसकियों से दिल मिलाकर,
वो ख़ामोशियों में भी, चीख सा रोया है।
आँखों में दर्द था, लफ्ज़ों में ख़ामोशी,
उसके जज़्बात का हर कतरा, बारिशों में खोया है।
वो बरसता रहा, टूटकर आसमान की तरह,
पर दिल के वीराने में, वो खुद ही बिखरा हुआ रोया है।
©UNCLE彡RAVAN
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