UNCLE彡RAVAN

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White बहुत दिया है दिल ने तुझे वक़्त और इंतज़ार, अब और कितना करूँ मैं प्यार का इज़हार। जो समझे ना वो काबिल कहाँ मोहब्बत के, हम तो फिर भी देंगे उसे दिल से अधिकार। ©UNCLE彡RAVAN

#love_shayari  White बहुत दिया है दिल ने तुझे वक़्त और इंतज़ार,
अब और कितना करूँ मैं प्यार का इज़हार।
जो समझे ना वो काबिल कहाँ मोहब्बत के,
हम तो फिर भी देंगे उसे दिल से अधिकार।

©UNCLE彡RAVAN

#love_shayari

14 Love

White एक शख्स था आवारा सा,तन्हाई से मोहब्बत करता था उसको किसी का सहारा नही,वो बे सहरो का सहारा बनता था भटकता था क़ब्रिस्तानो मेंइंसानों से दूर रहता था एक शख्स था आवारा सा,तन्हाई से मोहब्बत करता था अंधेरों में रहता था, रोशनी से वो डरता था ज्यादा कुछ नही बोलता, बस अपनी दिल की बात शायरी में लिखता था एक शख्स था आवारा सा,तन्हाई से मोहब्बत करता था ना खुद की खबर थी न खुद के हाल से वाकिफ था मगर वक्त वक्त पे वो सबकी खैरियत पूछता था... वक्त और हालत ने उसको पूरा तोड़ के रख दिया था फिर भी वो खुदा से शिकवा नहीं करता था एक शख्स था आवारा सा,तन्हाई से मोहब्बत करता था लबों को सी लिया था, आंखो से बोलता था वो सोचता उसकी खामोशी कोई पड़ेगा पागल था वो...इस मुनाफिकत दुनिया पे भरोसा करता था...! एक शख्स था आवारा सा, तन्हाई से मोहब्बत करता था वो किसी की ठुकराई मोहब्बत था, किसी का दिया ज़ख्म लेके घूमता था गजल सुनते हुए रो पड़ता था, तारीफों से वो डरता था एक शख्स था आवारा सा, तन्हाई से मोहब्बत करता था....! ©UNCLE彡RAVAN

#Sad_Status  White एक शख्स था आवारा सा,तन्हाई से मोहब्बत करता था 
उसको किसी का सहारा नही,वो बे सहरो का सहारा बनता था
भटकता था क़ब्रिस्तानो मेंइंसानों से दूर रहता था

एक शख्स था आवारा सा,तन्हाई से मोहब्बत करता था

अंधेरों में रहता था, रोशनी से वो डरता था
ज्यादा कुछ नही बोलता, बस अपनी दिल की बात शायरी में लिखता था
एक शख्स था आवारा सा,तन्हाई से मोहब्बत करता था
ना खुद की खबर थी न खुद के हाल से वाकिफ था
मगर वक्त वक्त पे वो सबकी खैरियत पूछता था...
वक्त और हालत ने उसको पूरा तोड़ के रख दिया था
फिर भी वो खुदा से शिकवा नहीं करता था

एक शख्स था आवारा सा,तन्हाई से मोहब्बत करता था

लबों को सी लिया था, आंखो से बोलता था
वो सोचता उसकी खामोशी कोई पड़ेगा
पागल था वो...इस मुनाफिकत दुनिया पे भरोसा करता था...!

एक शख्स था आवारा सा, तन्हाई से मोहब्बत करता था

वो किसी की ठुकराई मोहब्बत था, किसी का दिया ज़ख्म लेके घूमता था
गजल सुनते हुए रो पड़ता था, तारीफों से वो डरता था

एक शख्स था आवारा सा, तन्हाई से मोहब्बत करता था....!

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#Sad_Status

0 Love

White वो इश्क़ के लिए बेकरार थे, जब मैंने भी दिल से मोहब्बत की राह चुनी, तो उनके जज़्बात और शौक़ात कहीं खो से गए। जिस लगन से वो करीब आना चाहते थे, उसी शिद्दत से वो दूर होते चले गए। ©UNCLE彡RAVAN

#Sad_Status #Quotes  White वो इश्क़ के लिए बेकरार थे,  
जब मैंने भी दिल से मोहब्बत की राह चुनी,  
तो उनके जज़्बात और शौक़ात कहीं खो से गए।  
जिस लगन से वो करीब आना चाहते थे,  
उसी शिद्दत से वो दूर होते चले गए।

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#Sad_Status

12 Love

White काश मैं लड़का होती काश मैं लड़का होती, तो रात को बाहर निकलने से न डरती, हर गली, हर राह पर बेखौफ होकर कदम बढ़ाती। देर रात का सफर भी एक आजादी जैसा होता, दिल में कोई डर नहीं, सिर्फ़ अपने ख्वाब सजाती। काश मैं लड़का होती, तो हर नज़र से नज़रें मिला पाती, कोई छेड़े भी, तो उसकी नज़रें झुका पाती। इस समाज के उसूलों से बेपरवाह होकर, अपने हर फैसले में अपनी आवाज़ बुलंद कर पाती। काश मैं लड़का होती, तो हर कदम पर मजबूत खड़ी होती, अपनी इच्छाओं को बेझिझक दुनिया के सामने रख पाती। किसी का डर नहीं, किसी का साया नहीं, बस अपने सपनों की उड़ान में खुलकर उड़ पाती। काश मैं लड़का होती, तो हर वो हक मुझे भी मिलता, जो आज सिर्फ़ एक ख्वाहिश बनकर रह गया है। इस समाज के बंदिशों से परे होकर, मैं भी अपनी दुनिया खुद बना पाती। ©UNCLE彡RAVAN

#moon_day #wishes  White काश मैं लड़का होती

काश मैं लड़का होती, तो रात को बाहर निकलने से न डरती,  
हर गली, हर राह पर बेखौफ होकर कदम बढ़ाती।  
देर रात का सफर भी एक आजादी जैसा होता,  
दिल में कोई डर नहीं, सिर्फ़ अपने ख्वाब सजाती।

काश मैं लड़का होती, तो हर नज़र से नज़रें मिला पाती,  
कोई छेड़े भी, तो उसकी नज़रें झुका पाती।  
इस समाज के उसूलों से बेपरवाह होकर,  
अपने हर फैसले में अपनी आवाज़ बुलंद कर पाती।

काश मैं लड़का होती, तो हर कदम पर मजबूत खड़ी होती,  
अपनी इच्छाओं को बेझिझक दुनिया के सामने रख पाती।  
किसी का डर नहीं, किसी का साया नहीं,  
बस अपने सपनों की उड़ान में खुलकर उड़ पाती।

काश मैं लड़का होती, तो हर वो हक मुझे भी मिलता,  
जो आज सिर्फ़ एक ख्वाहिश बनकर रह गया है।  
इस समाज के बंदिशों से परे होकर,  
मैं भी अपनी दुनिया खुद बना पाती।

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#moon_day

16 Love

White खामोश चीखें नज़रों की हैवानियत से फिर एक फूल मुरझा गया, जिंदगी के बाग़ में एक और रंग फीका पड़ गया। चीखों की गूंज में खो गई उसकी मासूमियत, और इंसानियत की चादर फिर से तार-तार हो गया। हर गली, हर चौक पर अब डर का साया है, जिस समाज में जी रहे हैं, वो आज भी जख्म खाया है। खामोशियों में छिपी उसकी दर्द की कहानी, जिनके हाथों में उसे हिफ़ाज़त थी, वही बने क़ातिल जुबानी। आसमान भी रोया, धरती भी कांपी, पर फिर भी इंसानियत नहीं जागी, न शर्म आई। हर बार एक उम्मीद से नजरें उठती हैं, कब बदलेगा ये समाज, ये सवाल हर दिल में उठती हैं। वो नन्ही कली, जिसने देखा था सपना खुली आंखों से, अब वो सिमट गई है, दर्द के साए में, अपने ही आंसुओं से। पर कोई सुनने वाला नहीं, बस कागज़ों में सिमट कर रह जाती है, एक और मासूम की कहानी, जो इस दुनिया से कहीं खो जाती है। ©UNCLE彡RAVAN

#love_shayari  White खामोश चीखें

नज़रों की हैवानियत से फिर एक फूल मुरझा गया,  
जिंदगी के बाग़ में एक और रंग फीका पड़ गया।  
चीखों की गूंज में खो गई उसकी मासूमियत,  
और इंसानियत की चादर फिर से तार-तार हो गया।  

हर गली, हर चौक पर अब डर का साया है,  
जिस समाज में जी रहे हैं, वो आज भी जख्म खाया है।  
खामोशियों में छिपी उसकी दर्द की कहानी,  
जिनके हाथों में उसे हिफ़ाज़त थी, वही बने क़ातिल जुबानी।  

आसमान भी रोया, धरती भी कांपी,  
पर फिर भी इंसानियत नहीं जागी, न शर्म आई।  
हर बार एक उम्मीद से नजरें उठती हैं,  
कब बदलेगा ये समाज, ये सवाल हर दिल में उठती हैं।

वो नन्ही कली, जिसने देखा था सपना खुली आंखों से,  
अब वो सिमट गई है, दर्द के साए में, अपने ही आंसुओं से।  
पर कोई सुनने वाला नहीं, बस कागज़ों में सिमट कर रह जाती है,  
एक और मासूम की कहानी, जो इस दुनिया से कहीं खो जाती है।

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#love_shayari

10 Love

White अनकही प्रीत प्रेम की परिभाषा में, शादी का अध्याय नहीं, रुक्मिणी बनी जीवनसाथी, पर राधा कहीं खोई नहीं। एक थी रसम की बंधन, एक थी मन की पुकार, द्वारका में बसा घर, वृंदावन में बसा प्यार। बंसी की धुन में थी वो, जो कभी मिली नहीं, पर जीवन की राह में, साथ चली वही। प्रेम और विवाह के, दो अलग किनारे, एक में बहा जीवन, एक में बसे सहारे। ©UNCLE彡RAVAN

#Sad_Status #wishes  White 

अनकही प्रीत


प्रेम की परिभाषा में, शादी का अध्याय नहीं, रुक्मिणी बनी जीवनसाथी, पर राधा कहीं खोई नहीं।

एक थी रसम की बंधन, एक थी मन की पुकार, द्वारका में बसा घर, वृंदावन में बसा प्यार।

बंसी की धुन में थी वो, जो कभी मिली नहीं, पर जीवन की राह में, साथ चली वही।

प्रेम और विवाह के, दो अलग किनारे, एक में बहा जीवन, एक में बसे सहारे।

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#Sad_Status

14 Love

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