मेरे मसले मेरे हालात ये मजबूरी हैं, मैं कैसे समझाऊ | हिंदी Shayari

"मेरे मसले मेरे हालात ये मजबूरी हैं, मैं कैसे समझाऊं तुमको, कि तुम्हारे बिना गज़लें मेरी अधूरी हैं कोई तो ले आओ मेरी मोहब्बत को... उसके नाम का लिखा गया खत पढ़ना उसे ज़रूरी हैं!! ©Gaurav udvigna"

 मेरे मसले मेरे हालात ये मजबूरी हैं,
मैं कैसे समझाऊं तुमको, कि तुम्हारे बिना गज़लें मेरी अधूरी हैं
कोई तो ले आओ मेरी मोहब्बत को...
उसके नाम का लिखा गया खत पढ़ना उसे ज़रूरी हैं!!

©Gaurav udvigna

मेरे मसले मेरे हालात ये मजबूरी हैं, मैं कैसे समझाऊं तुमको, कि तुम्हारे बिना गज़लें मेरी अधूरी हैं कोई तो ले आओ मेरी मोहब्बत को... उसके नाम का लिखा गया खत पढ़ना उसे ज़रूरी हैं!! ©Gaurav udvigna

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