तुम मुझे ऊँचे तख्त पर मत बैठाना वहां शराफ़त बैठा क | हिंदी कविता

"तुम मुझे ऊँचे तख्त पर मत बैठाना वहां शराफ़त बैठा करती है हम अदब और सलूक वाले लोग हैं जल्द ही गिर जाया करते हैं ©Sahil"

 तुम मुझे ऊँचे तख्त पर मत बैठाना
वहां शराफ़त बैठा करती है 


हम अदब और सलूक वाले लोग हैं
जल्द ही गिर जाया करते हैं

©Sahil

तुम मुझे ऊँचे तख्त पर मत बैठाना वहां शराफ़त बैठा करती है हम अदब और सलूक वाले लोग हैं जल्द ही गिर जाया करते हैं ©Sahil

#Sharafat

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