महबूब के हाथ आंसू पोंछने आए तो बेहतर, रुलाने को ज़ | हिंदी शायरी Video

"महबूब के हाथ आंसू पोंछने आए तो बेहतर, रुलाने को ज़माना काफ़ी है। ©Naseeb bhatti "

महबूब के हाथ आंसू पोंछने आए तो बेहतर, रुलाने को ज़माना काफ़ी है। ©Naseeb bhatti

#महबूब के हाथ।

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