Hibiscus Sabdariffa
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ये जो टूटे हुए लोग होते हैं, हँसते बड़े कमाल के हैं। टुकड़े संभाले कुछ अपने भीतर, मुस्कुराते लाजवाब के हैं। 🖋️गौरव झा नितिन । ©गौरव झा नितिन

#विचार  ये जो टूटे हुए लोग होते हैं, हँसते बड़े कमाल के हैं।
टुकड़े संभाले कुछ अपने भीतर, मुस्कुराते लाजवाब के हैं।

                                               🖋️गौरव झा नितिन 























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©गौरव झा नितिन

ये जो टूटे हुए लोग होते हैं, हँसते बड़े कमाल के हैं। टुकड़े संभाले कुछ अपने भीतर, मुस्कुराते लाजवाब के हैं। 🖋️गौरव झा नितिन । ©गौरव झा नितिन

10 Love

इस सफ़र में, हमसफ़र नहीं है, हम जिधर है, वो उधर नहीं है, दिख जाते हैं अक्सर ख्यालों में, हकीकत में कुछ ख़बर नहीं है... ©Shreyasi

#hibiscussabdariffa  इस सफ़र में, हमसफ़र नहीं है,
हम जिधर है, वो उधर नहीं है,
दिख जाते हैं अक्सर ख्यालों में,
हकीकत में कुछ ख़बर नहीं है...

©Shreyasi
#hibiscussabdariffa #poem  मेरी क़ब्र पर वैसा ही एक फूल चढ़ा देना,
हमारी मोहब्बत की एक रस्म तो दोहरा देना,

©@Rav¶Nayak_bhatneri

#hibiscussabdariffa #poem #Poetry

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#मोटिवेशनल #hibiscussabdariffa #nojotohindi  जब तक आप लोगों को अपनी सफाई देते रहेंगे 
तब तक लोग आपके भीतर 'अपने विचारों' को प्रबल पाएंगे..

©niharika nilam singh

#hibiscussabdariffa #Life #Love #nojotohindi मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी

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#nojotohindi #Trending #Quotes #Quote #viral  सभी को प्रणाम🙏शुभ प्रभात 🙏🙏🙏

कृपया आप सभी से निवेदन है कि मेरे यू ट्यूब चैनल पर जाकर भी मेरी कविताओं का आनंद ले और मेरे चैनल को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करें 🙏🙏🙏
मेरा यू ट्यूब चैनल 👉अक्षरश :हिंदी साहित्य dg
(dg905)
आप सभी का धन्यवाद 🙏

©Dr Garima tyagi(अक्षरश : हिंदी साहित्य dg)

https://youtube.com/@dg905?si=g9E9wNszDdx00JcR #Trending #Nojoto #nojotohindi #viral #poem #Quotes #Quote #Love #Life

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सबनम की बूंदों को चुमती हुई कलियाँ, सुबह की पहली लाली पड़ने पर, सकुचाने और लजाने की चेष्टा में तुम्हारे ही मुखड़े की माधुर्य की तरह, और भी खिल जाती है, और इस तरह से ओस की बूँदों पर कलियों का प्रेम, छिपने के बजाए और भी जाहिर हो जाता है। इसी तरह क्या तुम्हारे सकुचाते-लजाते चेहरे पर खिलती मुस्कान से, मुझपर तुम्हारा प्रेम और भी जाहिर नहीं होता? , ©Vikram Kumar Anujaya

#hibiscussabdariffa #कविता  सबनम की बूंदों को चुमती हुई कलियाँ,
सुबह की पहली लाली पड़ने पर,
सकुचाने और लजाने की चेष्टा में
तुम्हारे ही मुखड़े की माधुर्य की तरह,
और भी खिल जाती है,
और इस तरह से ओस की बूँदों पर 
कलियों का प्रेम,
छिपने के बजाए और भी जाहिर हो जाता है।
इसी तरह क्या तुम्हारे सकुचाते-लजाते चेहरे पर
खिलती मुस्कान से,
मुझपर तुम्हारा प्रेम और भी जाहिर नहीं होता? ,

©Vikram Kumar Anujaya
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