कलम की स्याही खत्म हो चली थी मुझे अभी कई दिलों पर | हिंदी शायरी
"कलम की स्याही खत्म हो चली थी
मुझे अभी कई दिलों पर अपना नाम लिखना था
माँ ने रक्त बिखेर दी पन्नों पर
कहा, बेटा तुझे शायद कोई कलाम लिखना था
-Sanjeev Sangam"
कलम की स्याही खत्म हो चली थी
मुझे अभी कई दिलों पर अपना नाम लिखना था
माँ ने रक्त बिखेर दी पन्नों पर
कहा, बेटा तुझे शायद कोई कलाम लिखना था
-Sanjeev Sangam