मौसम की तरह तुम मौसम ने बदला अपना अंदाज है।
तेरे होने का फिर दिल को हो रहा एहसास है।
हवाओ का भी रूख अब तेरे साथ है।
कुछ इशारा कह रहा तू आज भी मेरे साथ है।
शायद तुम आने वाले हो ये जान चुके है,
इसलिए मौसम-ए-मिजाज कुछ खास है।
_ _ _ जिज्ञासा
मौसम-ए-मिजाज।