The last page of notebook मेरी डायरी मे,
अधूरे इश्क की मुकम्मल कहानी,
लिखी है ना जाने कितनी तेरी-मेरी बाते पुरानी।
लफ्ज कम इनमे एहसास दर्ज है,
लगता है तेरा मुझ पर कर्ज है।
महफ़िलो मे इस एहसास को बड़े गर्व से हूँ सुनाती,
कोई पूछे कि तू कौन है?
तो तुझे अपना खुदा हूँ बताती।
©Jigyasha
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