अभी-अभी तो पहुंची थी वह उस चौखट पर,
जहां पहुंचने के लिए उसने सालों मेहनत की थी।
बस चंद कदम और, और वह अपने डॉक्टर बनने के ख्वाब को जीती।।
पर कुछ क्रूर दरिंदों ने बना दिया उसकी कर्मभूमि को मृत्यु शैया।
और विडंबना यह है कि बिना थके जो करती रही लोगों की सहायता, उसके आखिरी पलों में दरिंदगी से बचाने के लिए वहां कोई न था।।
उन क्रूरता भरे पलों की कल्पना मात्र से दिल दहल जाता है,!
कैसे किसी की इंसानियत यूँ मर जाती है और वह हैवान में बदल जाता है?
क्या हो जाएगा जो हम बाद में निकालेंगे कैंडल मार्च और वी वांट जस्टिस की रैली!
अनंत पीड़ा को असहाय सहकर वो तो चली गई दुनिया से अकेली।। 🙏🙏
©Anita Agarwal
#justice