तमस मेरे मन का हर दो
सरल सुगम ये पथ कर दो!
मिटा अंधेरा अज्ञान का
ज्ञान कलश तुम भर दो!!
नभ सा विशाल ह्रदय हो
मन में ना किंचित संशय हो
देकर ये आशीष मुझे तुम
जीवन मेरा सफल कर दो!
तमस मेरे मन का हर दो
सरल सुगम ये पथ कर दो!!
जन्म अर्थहीन ना हो मेरा
वचन कर्महीन ना हो मेरा
ना हारूँ मुश्किलें देखकर
विजय पा लूँ लक्ष्य भेदकर
प्रयत्न यूँ निरंतर करूँ मैं
प्रण मेराअटल कर दो!
तमस मेरे मन का हर दो
सरल सुगम ये पथ कर दो!!
क्रोध पर विजय पा सकूँ
असत्य को हरा सकूँ
आलोचना सह सकूँ
अकेला अडिग रह सकूँ
बना आदित्य मुझे प्रभु तुम
दूर सभी तिमिर कर दो!
तमस मेरे मन का हर दो
सरल सुगम ये पथ कर दो।
मिटा अंधेरा अज्ञान का
ज्ञान कलश तुम भर दो।।
©मलंग
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