मलंग

मलंग

"मलंग"...एक शायर

https://youtube.com/channel/UCsRzzaDqDO0MeGSwMFE-big

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video
#FlutePlayer  तमस मेरे मन का हर दो
सरल सुगम ये पथ कर दो!
मिटा अंधेरा अज्ञान का
ज्ञान कलश तुम भर दो!!
नभ सा विशाल ह्रदय हो
मन में ना किंचित संशय हो
देकर ये आशीष मुझे तुम
जीवन मेरा सफल कर दो!
तमस मेरे मन का हर दो
सरल सुगम ये पथ कर दो!!
जन्म अर्थहीन ना हो मेरा
वचन कर्महीन ना हो मेरा
ना हारूँ मुश्किलें देखकर
विजय पा लूँ लक्ष्य भेदकर
प्रयत्न यूँ निरंतर करूँ मैं
प्रण मेराअटल कर दो!
तमस मेरे मन का हर दो
सरल सुगम ये पथ कर दो!!
क्रोध पर विजय पा सकूँ
असत्य को हरा सकूँ
आलोचना सह सकूँ
अकेला अडिग रह सकूँ
बना आदित्य मुझे प्रभु तुम
दूर सभी तिमिर कर दो!
तमस मेरे मन का हर दो
सरल सुगम ये पथ कर दो।
मिटा अंधेरा अज्ञान का
ज्ञान कलश तुम भर दो।।

©मलंग

#FlutePlayer

65 View

 छलककर जब मैं निकल गया तेरी नम आंखों से...
दिल की मिठास बाहर निकलते ही नमकीन बन गई

©मलंग

# शायरी, विचार, कविता , आंसू

106 View

#TiTLi  बड़ी आसान थी बेवफाई 
जो हम कर ना सके
उसके सिवा किसी और पर
हम कभी  मर ना सके
साया सा साथ रहा वो
जिंदगी भर हर सफर में
उसे कभी खुद से अलग
हम चाहकर भी कर ना सके

©मलंग

#TiTLi

27 View

#mask  हटा दो नकाब को 
क्यूं चेहरे पर एक चेहरा ओढ़ा है
पढ़ने वाले पढ़ ही लेते हैं
भले ही मुझमें दिमाग थोड़ा है

©मलंग

#mask

27 View

कभी मन करता है छोड़ दूं सब और निकल पड़ूं खुद की तलाश में क्यूंकि मैं, मैं नहीं। कभी मन करता है खोल दूं जुबां और कह दूं सब खाली कर लूं ह्रदय क्यूंकि अब भय नहीं। कभी मन करता है उड़ जाऊं कहीं नाप लूं गगन हौसले तो हैं इतने पर पंख नहीं।। कभी मन करता है कि खो जाऊं कहीं भूलकर सभी गम, चाहता तो हूं पर समय नहीं।। कभी मन करता है छोड़ दूं सब और निकल पड़ूं खुद की तलाश में क्यूंकि मैं, मैं नहीं। ©मलंग

#Memories  कभी मन करता है
छोड़ दूं सब
और निकल पड़ूं
खुद की तलाश में
क्यूंकि मैं, मैं नहीं।

कभी मन करता है
खोल दूं जुबां
और कह दूं सब
खाली कर लूं ह्रदय
क्यूंकि अब भय नहीं।

कभी मन करता है
उड़ जाऊं कहीं
नाप लूं गगन 
हौसले तो हैं इतने
पर पंख नहीं।।

कभी मन करता है
कि खो जाऊं कहीं
भूलकर सभी गम,
चाहता तो हूं
पर समय नहीं।।

कभी मन करता है
छोड़ दूं सब
और निकल पड़ूं
खुद की तलाश में
क्यूंकि मैं, मैं नहीं।

©मलंग

#Memories

11 Love

सुनहरी तितलियां करती अठखेलियां महकते बागों में बहकती रागों में संग संग ये उड़ती पल पल में मुड़ती पुष्प हैं सुगंधित कर देते आनंदित सुनहरे पंख लिए जहर ना डंक लिए सबको ये भातीं जिधर हैं जाती शोर ना करना आहट से डरना फिर ना मिलेंगी ये जो यूं डरेंगी ©मलंग

#Butterfly  सुनहरी तितलियां
करती अठखेलियां
महकते बागों में
बहकती रागों में
संग संग ये उड़ती
पल पल में मुड़ती
पुष्प हैं सुगंधित
कर देते आनंदित
सुनहरे पंख लिए
जहर ना डंक लिए
सबको ये भातीं
जिधर हैं जाती
शोर ना करना 
आहट से डरना
फिर ना मिलेंगी
ये जो यूं डरेंगी

©मलंग

#Butterfly

9 Love

Trending Topic