White तन्हा-तन्हा मेरा घर है दूर हद से जो नज़र है | हिंदी Shayari

"White तन्हा-तन्हा मेरा घर है दूर हद से जो नज़र है जल रहा हूँ मैं अकेला मेरे घर नंगा शजर है कोई भी आता नहीं है मेरे संग बस मेरा डर है ना नवाएँ, ना सदाएँ बे-ज़ुबान संगे-शहर है कोई नहीं संग रोशनी डूबा अँधेरों मेरा घर है खोले सारे दर मैं बैठा कोई नहीं आता इधर है सहरा-सहरा-सा है मंज़र सूखा समंदर मेरा घर है बेरूखी की इंतेहा है ये इल्तजा सब बेनज़र है सुर्खियों में बिखरे हैं जो भूखे नंगे वो बशर हैं ©सुरेश सारस्वत"

 White तन्हा-तन्हा मेरा घर है 
दूर हद से जो नज़र है 
जल रहा हूँ मैं अकेला 
मेरे घर नंगा शजर है 
कोई भी आता नहीं है 
मेरे संग बस मेरा डर है 
ना नवाएँ, ना सदाएँ
बे-ज़ुबान संगे-शहर है 
कोई नहीं संग रोशनी 
डूबा अँधेरों मेरा घर है
खोले सारे दर मैं बैठा 
कोई नहीं आता इधर है 
सहरा-सहरा-सा है मंज़र 
सूखा समंदर मेरा घर है 
बेरूखी की इंतेहा है ये  
इल्तजा सब बेनज़र है 
सुर्खियों में बिखरे हैं जो 
भूखे नंगे वो बशर  हैं

©सुरेश सारस्वत

White तन्हा-तन्हा मेरा घर है दूर हद से जो नज़र है जल रहा हूँ मैं अकेला मेरे घर नंगा शजर है कोई भी आता नहीं है मेरे संग बस मेरा डर है ना नवाएँ, ना सदाएँ बे-ज़ुबान संगे-शहर है कोई नहीं संग रोशनी डूबा अँधेरों मेरा घर है खोले सारे दर मैं बैठा कोई नहीं आता इधर है सहरा-सहरा-सा है मंज़र सूखा समंदर मेरा घर है बेरूखी की इंतेहा है ये इल्तजा सब बेनज़र है सुर्खियों में बिखरे हैं जो भूखे नंगे वो बशर हैं ©सुरेश सारस्वत

#GoodNight

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