सुनहरी तितलियां करती अठखेलियां महकते बागों में बहक | हिंदी Shayari

"सुनहरी तितलियां करती अठखेलियां महकते बागों में बहकती रागों में संग संग ये उड़ती पल पल में मुड़ती पुष्प हैं सुगंधित कर देते आनंदित सुनहरे पंख लिए जहर ना डंक लिए सबको ये भातीं जिधर हैं जाती शोर ना करना आहट से डरना फिर ना मिलेंगी ये जो यूं डरेंगी ©मलंग"

 सुनहरी तितलियां
करती अठखेलियां
महकते बागों में
बहकती रागों में
संग संग ये उड़ती
पल पल में मुड़ती
पुष्प हैं सुगंधित
कर देते आनंदित
सुनहरे पंख लिए
जहर ना डंक लिए
सबको ये भातीं
जिधर हैं जाती
शोर ना करना 
आहट से डरना
फिर ना मिलेंगी
ये जो यूं डरेंगी

©मलंग

सुनहरी तितलियां करती अठखेलियां महकते बागों में बहकती रागों में संग संग ये उड़ती पल पल में मुड़ती पुष्प हैं सुगंधित कर देते आनंदित सुनहरे पंख लिए जहर ना डंक लिए सबको ये भातीं जिधर हैं जाती शोर ना करना आहट से डरना फिर ना मिलेंगी ये जो यूं डरेंगी ©मलंग

#Butterfly

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