क्यों एक साथ एक पल में सारी उलझने सुलझ नहीं सकती म
"क्यों एक साथ एक पल में सारी उलझने सुलझ नहीं सकती मेरी
....??
क्या जरुरी है हर बार मेरा उलझ उलझ कर जीना..
खुशियां दस्तक भी देती है तो मैं खुल के जी नही पाती उन्हें।
जाने क्यों जी भरा सा रहता है..
प्यारे🙁"
क्यों एक साथ एक पल में सारी उलझने सुलझ नहीं सकती मेरी
....??
क्या जरुरी है हर बार मेरा उलझ उलझ कर जीना..
खुशियां दस्तक भी देती है तो मैं खुल के जी नही पाती उन्हें।
जाने क्यों जी भरा सा रहता है..
प्यारे🙁