बिंदी तेरे नाम की जो सजती है मेरे माथे पे ,
वो बिंदी ही तो प्रथम प्रणय की निशानी है ,
मांग में जो रक्त वर्ण सिंदूर सजा है।
उसी को लगा नवजीवन मे प्रथम कदम रखा था।
जो पायल छनकती है पाँवों में मेरे ,
जिसे पहन कर तुम संग प्रेम पग धरा था ,
हाथो की चूड़ियाँ गवाह है हमारे अमिट प्रेम की,
जो छनकती है हँसी में तुम्हारी ,
नैनो का काजल सुनाता है अफ़साने,
चाँदनी रात में तुम संग पहरों बतियाने के।
ये सब कुछ तुमसे ही तो है ,सिर्फ तुम्हारे लिए।।
©poonam atrey
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