आजा चले बहारें आवाज़ दे रही है, बदली हवा मुझे ये सब
"आजा चले बहारें आवाज़ दे रही है,
बदली हवा मुझे ये सब राज़ दे रही है,
सूरज उगे हमारा देखें चमक ज़माना,
मरती हुयीं फ़िज़ा ये आगाज़ दे रही है,
कैसे मिलूं उसे में कोयी ज़रा बता दो,
हरदम मुझे नये जो अल्फ़ाज़ दे रही है।
#अक्षय व्यास#"
आजा चले बहारें आवाज़ दे रही है,
बदली हवा मुझे ये सब राज़ दे रही है,
सूरज उगे हमारा देखें चमक ज़माना,
मरती हुयीं फ़िज़ा ये आगाज़ दे रही है,
कैसे मिलूं उसे में कोयी ज़रा बता दो,
हरदम मुझे नये जो अल्फ़ाज़ दे रही है।
#अक्षय व्यास#