तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे, तुम सुनो तो बताऊं जज्बात क्या थे
इस बिखरे से दिल के हालात क्या थे
कि जब से है बिखरा ना किनारा मिले
इसे ना कभी भी है कोई सहारा मिला
किया जो भी हासिल तजुर्बा था इसका
वजह थी ये भी जो ना ठिकाना मिला
©anoop pandey
#jazbaat