तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे, तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे
तुम रुको तो समझाऊं वो राज क्या थे
तुझे जज़्बात लिखूं या अहसास लिखूं
तुम जानो तो बताऊं हालात क्या थे
तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे
तुम चाहो तो बताऊं फ़रमान क्या थे
तेरी चाहत को लिखूं या ख्वाबों को लिखूं
तुम समझो तो बताऊं अरमान क्या थे
तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे
तुम पढ़ो तो बताऊं अल्फ़ाज़ क्या थे
तुझे साथ लिखूं या बर्बाद लिखूं
तुम जागो तो बताऊं ख्वाब क्या थे
तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे
स्नेहा यादव
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