मैं कौन हूं
मैं कौन हूं ,मैं क्या हूं
मैं अक्सर ये सवाल करती हूं
मैं जर्रा हूं या समंदर हूं
या बातें बेहिसाब करती हु
मैं चांद हूं या अफताब हूं
या सितारों की चमक खास हूं
मैं शोर हूं या शांत हूं
या अपने अंतर्मन की आवाज हूं
मैं कौन हूं , मैं क्या हूं
मैं अक्सर ये सवाल करती हूं
कभी दो लफ्जों की कहानी हूं
तो कभी अनकहे अल्फाज हूं
किसी के दिल का अरमान हूं
तो कभी आंखों से बहता पानी हूं
कभी वो खाली किताब हूं
जिसमे लिखे सारे ख़्वाब हूं
मैं कौन हूं , मैं क्या हूं
मैं अक्सर ये सवाल करती हुं
©sneha yadav
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