जब भी तुम्हें लिखता हूं..
मेरी नज़रों के साथ-साथ..
कलम भी तुम्हारे होठों के पास..
उस तिल पर ठहर जाती है..
और हर बार...
उस तिल का रंग और गहरा हो जाता है..❣️
जब भी तुम्हें लिखता हूं..
मेरी नज़रों के साथ-साथ..
कलम भी तुम्हारे होठों के पास..
उस तिल पर ठहर जाती है..
और हर बार...
उस तिल का रंग और गहरा हो जाता है..❣️