कुछ करीबी रिश्ते-नाते
कभी कभी सिरदर्द बन जाते
जो अपना उल्लू सीधा कर
पुरोनी में आपसे ही पैसे ऐंठ ले जाते।
और जब कहीं दूर खुलती
बोतलो में बंद कि गई भभकती महकें।
न जाने क्यूं ,सिर में मेरे
तेज, बहुत तेज पीड़ा हो उठती हैं अचानक से।
©rajeshwari Thakur
#outofsight
सिरदर्द