न जाने हर रोज कितने नये रावण पलते है न जाने कितने अपने अंदर के राम जलते है जो जल चुका है युगों पहले मरा हुआ रावण न जाने क्यों आज भी वही रावण जला करते है। ©Ram Solanki #Dussehra2021 Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto