English
TQP (insta@thequootespage_official) Used the #ramsolanki
https://www.thequoteshub.xyz
Ram Solanki
27 View
न जाने हर रोज कितने नये रावण पलते है न जाने कितने अपने अंदर के राम जलते है जो जल चुका है युगों पहले मरा हुआ रावण न जाने क्यों आज भी वही रावण जला करते है। ©Ram Solanki
13 Love
चेहरे ये मुखौटे हैं, मुखौटे ही तो चेहरे हैं। अंदर का राम जला दिया कैसे उल्टे पड़े दशहरे हैं। अपनी ही आवाज सुन न पाएं, पूर्ण रूप से बहरे हैं। मन की नदी उफान पा ना सकी, पर हम दिखते कितने गहरे हैं। ये मुखौटे कोई उतार ना ले, लगा दिए लाखों पहरें हैं। चेहरे ये मुखौटे हैं, मुखौटे ही तो चेहरे हैं। आयुष्मान खुराना ©Ram Solanki
11 Love
यहाँ कई तरह की जिंदगियां है। कोई ख़ुशी में है कोई दुःखी में है कोई किसी की चिंता में है तो कोई खुद ही खुद की चिंता में है कोई किसी को रुलाना चाहता है तो कोई किसी को मुस्कुराना चाहता है कोई खुद के मतलब में जिंदगी जी रहा है तो कोई अपना मतलब निकाल कर कोई तहज़ीब से तवज्जो देता है तो कोई मर्यादा ओर इज्ज़त को लांघ देता है कोई अपनी जीत के जश्न में जी रहा है तो कोई अपनी हार के ग़म में कोई ख़ुद को समझा रहा है तो कोई औरों को समझाने कि कोशिश मे कोई हाथ थाम कर खींचने में लगा है तो कोई टांग पकड़कर खींचने मे ©Ram Solanki
शुद्ध गरीब होने का मतलब जानते हों जो ख़ानदानी गरीब है जो कभी अमीर होकर गरीब नही हुआ। ©Ram Solanki
8 Love
जो दहलीज छोड़ी थी गाँव की मैंने, शहर की चौखट पर आकर ठहर गया। ये मेरा मन नादान रुका है वहीं अब तक, में ख्वाहिशें लेकर न जाने कहाँ निकल गया। ©Ram Solanki
9 Love
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here