Ram Solanki

Ram Solanki Lives in Bhopal, Madhya Pradesh, India

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 मुझें एक घर छोड़कर दूर किसी ओर घर जाना पड़ा,
मुझें मुझको साबित करने के लिए दूजा घर बनाना पड़ा,
जो मुकाम था कभी डाकखाने के कागजों पर पते के तौर पर,
आज बदलकर दूजे मुकाम का पता बताना पड़ा।

©Ram Solanki

मुझें एक घर छोड़कर दूर किसी ओर घर जाना पड़ा, मुझें मुझको साबित करने के लिए दूजा घर बनाना पड़ा, जो मुकाम था कभी डाकखाने के कागजों पर पते के तौर पर, आज बदलकर दूजे मुकाम का पता बताना पड़ा। ©Ram Solanki

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न जाने हर रोज कितने नये रावण पलते है न जाने कितने अपने अंदर के राम जलते है जो जल चुका है युगों पहले मरा हुआ रावण न जाने क्यों आज भी वही रावण जला करते है। ©Ram Solanki

#Dussehra2021  न जाने हर रोज कितने नये रावण पलते है
न जाने कितने अपने अंदर के राम जलते है
जो जल चुका है युगों पहले मरा हुआ रावण
न जाने क्यों आज भी वही रावण जला करते है।

©Ram Solanki

चेहरे ये मुखौटे हैं, मुखौटे ही तो चेहरे हैं। अंदर का राम जला दिया कैसे उल्टे पड़े दशहरे हैं। अपनी ही आवाज सुन न पाएं, पूर्ण रूप से बहरे हैं। मन की नदी उफान पा ना सकी, पर हम दिखते कितने गहरे हैं। ये मुखौटे कोई उतार ना ले, लगा दिए लाखों पहरें हैं। चेहरे ये मुखौटे हैं, मुखौटे ही तो चेहरे हैं। आयुष्मान खुराना ©Ram Solanki

#mukhota  चेहरे ये मुखौटे हैं,
मुखौटे ही तो चेहरे हैं।
अंदर का राम जला दिया
कैसे उल्टे पड़े दशहरे हैं।
अपनी ही आवाज सुन न पाएं,
पूर्ण रूप से बहरे हैं।

मन की नदी उफान पा ना सकी,
पर हम दिखते कितने गहरे हैं।
ये मुखौटे कोई उतार ना ले,
लगा दिए लाखों पहरें हैं।
चेहरे ये मुखौटे हैं,
मुखौटे ही तो चेहरे हैं।

आयुष्मान खुराना

©Ram Solanki

#mukhota

11 Love

यहाँ कई तरह की जिंदगियां है। कोई ख़ुशी में है कोई दुःखी में है कोई किसी की चिंता में है तो कोई खुद ही खुद की चिंता में है कोई किसी को रुलाना चाहता है तो कोई किसी को मुस्कुराना चाहता है कोई खुद के मतलब में जिंदगी जी रहा है तो कोई अपना मतलब निकाल कर कोई तहज़ीब से तवज्जो देता है तो कोई मर्यादा ओर इज्ज़त को लांघ देता है कोई अपनी जीत के जश्न में जी रहा है तो कोई अपनी हार के ग़म में कोई ख़ुद को समझा रहा है तो कोई औरों को समझाने कि कोशिश मे कोई हाथ थाम कर खींचने में लगा है तो कोई टांग पकड़कर खींचने मे ©Ram Solanki

#Loneliness  यहाँ कई तरह की जिंदगियां है।

कोई ख़ुशी में है कोई दुःखी में है
कोई किसी की चिंता में है तो
कोई खुद ही खुद की चिंता में है
कोई किसी को रुलाना चाहता है
तो कोई किसी को मुस्कुराना चाहता है
कोई खुद के मतलब में जिंदगी जी रहा है
तो कोई अपना मतलब निकाल कर
कोई तहज़ीब से तवज्जो देता है
तो कोई मर्यादा ओर इज्ज़त को लांघ देता है
कोई अपनी जीत के जश्न में जी रहा है
तो कोई अपनी हार के ग़म में
कोई ख़ुद को समझा रहा है
तो कोई औरों को समझाने कि कोशिश मे
कोई हाथ थाम कर खींचने में लगा है
तो कोई टांग पकड़कर खींचने मे

©Ram Solanki

#Loneliness

11 Love

शुद्ध गरीब होने का मतलब जानते हों जो ख़ानदानी गरीब है जो कभी अमीर होकर गरीब नही हुआ। ©Ram Solanki

#MereKhayaal  शुद्ध गरीब होने का मतलब जानते हों
जो ख़ानदानी गरीब है
जो कभी अमीर होकर गरीब नही हुआ।

©Ram Solanki

जो दहलीज छोड़ी थी गाँव की मैंने, शहर की चौखट पर आकर ठहर गया। ये मेरा मन नादान रुका है वहीं अब तक, में ख्वाहिशें लेकर न जाने कहाँ निकल गया। ©Ram Solanki

#MereKhayaal  जो दहलीज छोड़ी थी गाँव की मैंने,
शहर की चौखट पर आकर ठहर गया।
ये मेरा मन नादान रुका है वहीं अब तक,
में ख्वाहिशें लेकर न जाने कहाँ निकल गया।

©Ram Solanki
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