उस दूर गगन में सूरज बन के, चमकते रहना मेरी यादों म
"उस दूर गगन में सूरज बन के,
चमकते रहना मेरी यादों में,
मैं भी समंदर बन तूझे,
अपनी आगोश में ले लूँगा,
औऱ तुम मेरी बूँद बूँद में चमकना,
न तुम दूर रहना न मुझे होने देना,
बस ,मेरे न होकर भी तुम,
हमेशा मेरे रहना,
हमेशा मेरे रहना।।
s kumar"
उस दूर गगन में सूरज बन के,
चमकते रहना मेरी यादों में,
मैं भी समंदर बन तूझे,
अपनी आगोश में ले लूँगा,
औऱ तुम मेरी बूँद बूँद में चमकना,
न तुम दूर रहना न मुझे होने देना,
बस ,मेरे न होकर भी तुम,
हमेशा मेरे रहना,
हमेशा मेरे रहना।।
s kumar