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मैं कोई कवि नहीं, बस एक इंसान हूँ, दर्द होता है रो लेता हूँ, खुशी मिलती है गा लेता हूँ,।संतोष कुमार professor...Bhagalpur bihar
जीवन में मिल ना क्या,और बिछड़ना क्या है, जिंदगी एक दर्द है और खुद उसकी दवा है, समेट लो जीवन की सारी खुशियाँ, दीपावली है और खुशियों का दीप जला है। ©santosh kumar
santosh kumar
11 Love
Today's Weather मौसम बदल रहा है, गर्मियां भी बढ़ गयी है, तेरे चेहरे पे पसीने की बूंदे, बड़ी प्यारी लगने लगी है, पास आओ की इस गर्मी को हवा दे, तेरे सीने से लग के, कुछ प्यास तो बुझा ले। ©santosh kumar
15 Love
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उस दूर गगन में सूरज बन के, चमकते रहना मेरी यादों में, मैं भी समंदर बन तूझे, अपनी आगोश में ले लूँगा, औऱ तुम मेरी बूँद बूँद में चमकना, न तुम दूर रहना न मुझे होने देना, बस ,मेरे न होकर भी तुम, हमेशा मेरे रहना, हमेशा मेरे रहना।। s kumar
16 Love
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