White कहीं पड़ा दिख जाऊं मैं कहीं गिरा दिख जाऊं मैं
कर देना परोपकार मुझपर।
कर देना खड़ा मुझे कर देना बड़ा मुझे बस इतनी
कृपा बना मुझपर।
जो करदी एहसान, धूप में छांव बारिस में छप्पर
भूख मिटाउंगा मैं तेरी अक्सर मिठे फल देकर।
सर्दी मेंओला से बचाऊं तुझको अपनी गोद में लेकर
कर देना बड़ा मुझे कर देना खड़ा मुझे बस इतनी
कृपा बना मुझपर।
बच्चों के संग खेलूंगा बूढ़ों के संग बैठूंगा ,मेहनत से
जब तू थक जाएगा मुफ्त हवा दे जाऊँगा ।
जीकर भी काम आऊंगा मरकर भी काम आऊंगा।
तुझको भी काम आऊंगा सबको भी काम आऊंगा।
पक्षी को घर देकर पशुवों का भूख मिटाउंगा ।
कर दे खड़ा मुझे जो तु मैं उपकार करुं सबपर
कहीं खड़ा दिख जाऊं मैं कहीं पड़ा दिख जाऊं मैं
कर देना परोपकार मुझपर।
कर देना खड़ा मुझे कर देना बड़ा मुझे बस इतनी
कृपा बना मुझपर।
©Surendra Kumar Kahar
#मेरी कविता
परोपकार
वृक्षारोपण