Surendra Kumar Kahar

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जिन्दगी अभी अधुरी ,इसकी कहानी

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#olympics  जो देश के खातिर सर्वसमर्पण कर दिये हैं अपने आपको ऊन सभी विरों को सत् सत् नमन
वन्देमातरम

©Surendra Kumar Kahar

15अगस्त अमर रहे वंदना .... Nîkîtã Guptā ɴᴀᴅᴀɴ_______ᰔᩚ________√ @Vivek saxena @ANSARI ANSARI @Ritu Tyagi parul Kiran Yadav

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#समर्पण #ईश्वर #भक्ति #मेरी #हर  भक्ति में प्रकाश
आज मनुष्य दृष्टिगत होकर भी दृष्टिहिन है
उसे सच देखने की वो प्रकाश दृष्टि नहीं है
क्योंकि वो स्वयं को विद्मान समझ बैठा है
उसे शायद ए पता नहीं की बिना ईश्वर कै मर्जी एक पत्ता भी नहीं हिल सकता।
अरे मुर्ख अज्ञानी बिल्ली ने रास्ता काटा ए भी ईश्वर के मर्जी से

©Surendra Kumar Kahar
#सिर्फ #भक्ति #अनुठा #मेरी #तेरी  तेरी यादें
मेरे मन में जब ख्याल आये बस तेरी यादें हों
मुझे जब किसी की जरुरत हो तो बस तेरी हि खुश्बू हो
तु बस प्रित अपनी मूझसे लगाए रखना बस यहि
मेरी ख्वाहिश हो।

©Surendra Kumar Kahar

#तेरी यादें #अनुठा प्रेम #मेरी भावना #सिर्फ तुम MohiTRocK F44 वंदना .... @Sm@rty Divi P@ndey @vineetapanchal KK क्षत्राणी Ñådåñ•√} Tanuja_pal @Parul (kiran)Yadav @Ritu Tyagi @Internet Jockey @Rajik K @Ashish Khare सदैव

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#आपके_अल्फ़ाज़ #विचार #मेरे #मेरी #आपकी  White आपके अल्फाज 
आपकी यादें आपका अल्फाज मनो दिल को
 छुलिया हो
आपकी कलम से लिखी हुई एक एक शब्द 
हमे आपके करीब ला रहि है
न जाने हमें ऐसा क्यूं लगता है वर्षों पहले कभी 
मिल चुके हैं
आपके लिखे अल्फाज  मन को छिन्न-भिन्न 
कर रहि है
एकाग्र होकर भी अपने आपको नहीं समझा 
पा रहा हूँ 
मानों हमें जो नहीं कहना चाहिए वो भी लिखे
जा रहा हूँ

©Surendra Kumar Kahar

#आपके_अल्फ़ाज़ #मेरी भावना #आपकी यादें #मेरे दिल से @Parul (kiran)Yadav

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#विचार  White ना कोई पराया है और नाहि कोई अपना है
जिन्दगी की सफर में तो चलना
सिर्फ अकेला है

©Surendra Kumar Kahar

मायावी दुनियां जिन्दगी का सफर चलना सिर्फ अकेला @Alka Pandey @Ashutosh Mishra KK क्षत्राणी @Parul (kiran)Yadav Ñådåñ•√}

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#कविता #मेरी  White कहीं पड़ा दिख जाऊं मैं कहीं गिरा दिख जाऊं मैं 
कर देना परोपकार मुझपर। 
कर देना खड़ा मुझे कर देना बड़ा मुझे बस इतनी
कृपा बना मुझपर। 
जो करदी एहसान, धूप में छांव बारिस में छप्पर 
भूख मिटाउंगा मैं तेरी अक्सर मिठे फल देकर। 
सर्दी मेंओला से बचाऊं तुझको अपनी गोद में लेकर 
कर देना बड़ा मुझे कर देना खड़ा मुझे बस इतनी
कृपा बना मुझपर।
बच्चों के संग खेलूंगा बूढ़ों के संग बैठूंगा ,मेहनत से 
जब तू थक जाएगा मुफ्त हवा दे जाऊँगा ।
जीकर भी काम आऊंगा मरकर भी काम आऊंगा।
तुझको भी काम आऊंगा सबको भी काम आऊंगा।
पक्षी को घर देकर पशुवों का भूख मिटाउंगा ।
कर दे खड़ा मुझे जो तु मैं उपकार करुं सबपर
कहीं खड़ा दिख जाऊं मैं कहीं पड़ा दिख जाऊं मैं
कर देना परोपकार मुझपर। 
कर देना खड़ा मुझे कर देना बड़ा मुझे बस इतनी
कृपा बना मुझपर।

©Surendra Kumar Kahar

#मेरी कविता परोपकार वृक्षारोपण

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