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Akbal Ansari deoria(utar-pardes)
White इस दुनियां मे कितनी जानें पैदा होती। कितनी जानें मरती है। फिर भी एहसास नही है मरने का मरने के बाद फिर दुनिया क्यो रोती है। ©ANSARI ANSARI
ANSARI ANSARI
18 Love
White आज इन्सान इन्सान के लिए नही। अपने स्वार्थ के लिए जी रहा है। अगर स्वार्थ की भावना दिल से । निकाल दे। तो इन्सान क्या लोगों का मसीहा। बन कर जी रहा होता। ©ANSARI ANSARI
11 Love
White अपना बनाने के लिए दुसरो को। अपनाना जरूरी नही होता। जो अपना बनाना चाहता है। वह कभी अपना नही होता। जो अपने आप मील जाय। वही अपना होता। ©ANSARI ANSARI
15 Love
White इन्सान की जीन्दगी नांव जैसी। होती है। जैसे नांव को एक किनारे से दुसरे। किनारे तक संघर्ष कर के ले जाते है। उसी तरह जीवन को बेहतर से बेहतर। बनाने के लिए संघर्ष किये जाते है। ©ANSARI ANSARI
17 Love
White इन्सान बुढ़ा जरुर होता है। मगर प्यार बुढ़ा नही होता। खुद सोचो जो बुढ़ा नही होता। उसका मक़ाम क्या होगा। ऐसा सोच रहा तो हर आने। वाली पीढ़ी कभी बदनाम नही। होगा। ©ANSARI ANSARI
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