"कुछ देर पहले आए हुए आँधी मे गिरा हुआ तिनका अपना वजूद ढूंढ रहा है
उसी बारिश में भीगा पत्ता सुर्य की प्रकाश मे चमक रहा है
यु बेवजह आँधियो के आने से,मजबुत पेड़ भी टुट जाते हैं
छोटे पेड़ पौधे खुद को झुकाकर ,दुबारा उठ जाते हैं
कभी कभी जिंदगी के इम्तिहान मे भी झुककर उठना सीखो
न की टुटकर बिखर जाना सीखो ।
-bebak_poetry"