सुनों, गमों का शायर हुं मैं, मेरे शेरों पर ताली ना | हिंदी शायरी

"सुनों, गमों का शायर हुं मैं, मेरे शेरों पर ताली ना बजा देना, कहीं हो ना जाए गुस्ताखी ये मेरे _ दर्द ,रंजोगम आहों और . . . मेरे तकिये की नमीं की शान में! [अरुण प्रधान] ©Arun pradhan"

 सुनों, गमों का शायर हुं मैं, मेरे शेरों पर
ताली ना बजा देना, कहीं हो ना जाए
गुस्ताखी ये मेरे _ दर्द ,रंजोगम आहों और . . . मेरे तकिये की नमीं की शान में! 
[अरुण प्रधान]

©Arun pradhan

सुनों, गमों का शायर हुं मैं, मेरे शेरों पर ताली ना बजा देना, कहीं हो ना जाए गुस्ताखी ये मेरे _ दर्द ,रंजोगम आहों और . . . मेरे तकिये की नमीं की शान में! [अरुण प्रधान] ©Arun pradhan

#sunrisesunset

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