तुम से शुरू तुम से खत्म
आजकल तुम्हारे बिना मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है जिधर भी देखु एकलौता मुझे तुम्हारा ही चेहरा नजर आता है। तू न दुनिया सी बन गयी हो मेरी, बस गुजारिस है तुमसे की तुम दुनिया की तरह न हो जाना। ठहरी हुयी सी मेरी एक शाम हो गए हो तुम बस गुजारिस की हमेशा मेरे साथ ही रहना।।
©Rupali Mishra