White लोग कई साथ हैं ! खुद से बहुत दूर खड़ा हूं मैं,
बिंदी सा अस्तित्व मेरा, यूं तो समंदर से बड़ा हूं मैं,
उन्स है ! या दिलकशी के चौखट पे खड़ा हूं मैं ||
सफर किया है सन्नाटों में ताउम्र, बिफर कर बोलता रहा हूं मैं ,
तमन्ना थी मुझे उस पार जाने की, किनारे निहारता रहा हूं मैं,
दिलकशी, उन्स, इश्क़,अकीदत, इबादत, जुनून और मौत
सब तुझसे, मगर बरसों से रकीब रहा हूं मैं,
सबके क़रीब खुद के बहुत दूर रहा हूं मैं...
©sukhwant kumar saket
रहा हूं मैं ..
#sad_shayari #Rakib