White हमारे इश्क़ में जानाँ
कहाँ राहत ज़रूरी है
खुदा सी बन्दगी महबूब से
उल्फ़त ज़रूरी है
नशेमन में ही अब तेरे मेरे दिल का
हमारी आशिक़ी को बस
तेरी आदत ज़रूरी है
नहीं आता हमें कुछ भी
न कोई भी कलाकारी
नज़र तेरी पड़े वही
रहमत ज़रूरी है
जहां से ले उड़ेंगे दिल
वहीं पर लौट आयेंगे
तेरे दिल की मेरे दिल में
वही शिरकत ज़रूरी है
लकीरों से परे हो जो
फ़क़ीरी ही जुनूँ उसका
हदों से जो गुज़र जाये
वही चाहत ज़रूरी है..!!
©नीरज कुमार
#good_night खूबसूरत दो लाइन शायरी