एक सूरज ढल जायेगा, एक रात सुनहरी आयेगी ,
चांद फलक पर आएगा ,दिल को बगिया रौशन हो जायेगी,
एक रात कल भी आई थी एक रात कल भी आएगी ,
एक बात अधूरी है कल से शायद कल पूरी हो जाएगी,
रुको जरा नया सवेरा तो देखो ,जिस सपने की आस तुम्हें कल शायद पूरी हो जाएगी ।
आज भी ना आए खुशी कल शायद आजायेगी ....
©sukhwant kumar saket
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