ये यादें और मैं बस तुझे ही पुकारा करते हैं।
सजा कर ख्वाब तेरे तुझे बुलाया करते हैं।।
एक ख्वाब सा है तू मगर ।
तुझे हकीकत बनाया करते हैं ।।
कुछ पल तेरे साथ के अनछुए एहसास के।
अकेले में बैठकर मुझे हंसाया करते हैं ।।
तेरा यु शर्म जाना थोड़ा सा मुस्कुरा जाना।
बिन कहे कुछ भी मुझे गुदगुदाया करते हैं ।।
साथ नही तू पास नही खबर थोड़ी भी ना सही
कुछ परिंदे आकर तेरा हाल सुनाया करते हैं ।।
दरकार तेरे प्यार की साथ की एहसास की।
मैं ना चाहूं फिर भी एक आरजू जगाया करते हैं ।।
तू दूर है या पास है एक भ्रम भरा एहसास है।
ये सारे सवाल ही तेरी याद दिला करते हैं।।
आज भी बसा है तू मेरे मन के कोने में ।
ये आंखों के झरोखे मुझे बताया करते हैं।।
ये यादें और मैं तुझे पुकारा करते हैं......
।। मनोज।।
©MAnoj MEhar