White {Bolo Ji Radhey Radhey}
सभी मनुष्यों को भगवान् श्री कृष्ण जी
के सभी कर्मों को तत्त्व से व (दिव्य)
समझना चाहिए, इस प्रकार जान लेने
पर उस जानने वाले व्यक्ति के कर्म भी
शुद्ध और अलौकिक हो जाते हैं, अर्थात्
फिर वह भी सबके साथ दया, समता,
धर्म, नीति, विनय और निष्काम प्रेम
भाव का बर्ताव करता है। जिनका
भगवान् में प्रेम और श्रद्धा है, वे भगवान्
की प्रत्येक लीला के मर्म समझते हैं।।
©N S Yadav GoldMine
#love_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey}
सभी मनुष्यों को भगवान् श्री कृष्ण जी
के सभी कर्मों को तत्त्व से व (दिव्य)
समझना चाहिए, इस प्रकार जान लेने
पर उस जानने वाले व्यक्ति के कर्म भी
शुद्ध और अलौकिक हो जाते हैं, अर्थात्
फिर वह भी सबके साथ दया, समता,
धर्म, नीति, विनय और निष्काम प्रेम